Perth Test में एक ऐसा खिलाड़ी होगा जो आपने सोचा तक ना होगा!
टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया दौरे का पहला टेस्ट मैच पर्थ में इस महीने की 22 तारीख़ से शुरू हो रहा है। कप्तान रोहित शर्मा इस टेस्ट मैच में नज़र नहीं आयेंगे। उनके घर एक नयी संतान की उम्मीद है। रोहित शर्मा ना होंगे तो कप्तान तो गया ही, टीम का ओपनर भी गया। जिन दो ओपनरों को आज़माया गया, दोनों फेल हुए। ईसवरन और केएल राहुल दोनों ही ऑस्ट्रेलिया ए के ख़िलाफ़ फेल हुए। जब ऑस्ट्रेलिया ए के गेंदबाज़ इनसे नहीं संभले गये, तो ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ क्या होगा। और वो भी पर्थ जैसी पिच पर जहां तूफ़ानी गति से गेंद आती है। इस अंधकार में रोशनी की एक किरण नज़र आयी है। उसका नाम है ध्रुव जुरैल। ध्रुव जुरैल का नाम कोई जानकारी का मोहताज नहीं हैं। घर में तीन टेस्ट मैचों में उनको इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खिलाया गया था उनके स्कोर थे 46, 90, 39 और 15। जुरैल के दूसरे टेस्ट में, राँची में, जुरैल जिस समय खेलने आये उस समय स्कोर सात विकेट पर 177 रन था । वहाँ से जुरैल ने 90 रन की पारी खेल कर स्कोर को 307 तक पहुँचाया। पर जुरैल को उसके बाद मौक़े नहीं मिले। अब तक तीन टेस्ट मैचों में जुरैल ने 190 रन बनाये हैं और औसत 63 का है। उनको खिलाया इसलिए नहीं गया क्योंकि ऋषभ पंत की वापसी हो गई थी। अब एक ही टीम में दो विकेटकीपर थोड़े ही खिलाए जाते हैं। पर ऐसा भी नहीं है कि टीम इंडिया ने पहले दो विकेटकीपर ना खिलाए गये हों। किरण मोरे अगर टीम में विकेटकीपर थे, तो चंद्रकांत पंडित सिर्फ़ एक बल्लेबाज़ की तरह खिलाए गए थे। अब जुरैल के नाम की चर्चा इस लिये हो रही है क्योंकि उन्होंने पर्थ टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलिया ए के ख़िलाफ़ मेलबर्न में 80 और 68 रन बनाये हैं। टीम इंडिया का हर बल्लेबाज़ इस मैच में असफल दिखाई दिया बजाए जुरैल के। ऑस्ट्रेलिया के पुराने कप्तान टिम पैन ने ये मैच पूरा देखा और वो कहते हैं कि उन्हें ताज्जुब हुआ कि ये लड़का इतना अच्छा कैसे खेल सकता है। पैन ने कहा कि जिस पिच पर इतना उछाल और इतना मूवमेंट हो, उसपर जुरैल बहुत आसानी से खेल रहे थे। पैन तो यहाँ तक कहते हैं कि किसी 23 साल के लड़के ने ऑस्ट्रेलिया में आकर इतनी अच्छी तकनीक दिखाई हो, ये कम ही देखा गया है। तो ऐसे में टीम इंडिया में लगता है कि जुरैल पहले टेस्ट मैच में खिलाए जाएँगे। टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज़ फॉर्म में नहीं है। ऐसे में जो फ़ॉर्म में है उसे तो खिलाओ। इसमें हो सकता है कि आपको सरफ़राज़ ख़ान को बाहर बैठाना पड़े। वो सरफ़राज़ ख़ान जिन्होंने अभी हाल की ही न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ श्रृंखला में पहले टेस्ट में 150 रन बनाये थे, पर इस समय बात हो रही है कौन सा बल्लेबाज़ फॉर्म में है और कौन नहीं। और ऐसा भी नहीं है कि जुरैल का रेड-बॉल क्रिकेट का अनुभव ख़राब है। 21 मैचों में क़रीब क़रीब 49 का औसत और एक दोहरा शतक भी लगाया है। जुरैल, माना जा रहा है कि पर्थ टेस्ट में खिलाए ही जाएँगे। और अगर पर्थ में जुरैल चमक गये, तो वो टीम इंडिया के लिये इस दौरे में संकट मोचक साबित हो सकते हैं।